PC: Bukalapak
हम तुम्हारे जिंदगी के पन्नों में हों न हों,
ये इश्क़ है, कभी सही तो कभी गलत हिं रहेगा।।शायद अब तुम थोड़ा भी ठहर जाओ तो यह मोहब्बत हो जाए,
पर तुम्हें हमारा साथ गवारा कहाँ,
कभी ये बेचैनियां पागलपन कहलाएंगी,
तो कभी हमारी जिक्र भी बस दूसरों की तरह हल्के में हिं सिमट कर रह जाएगी।।हम तुम्हारे जिंदगी के पन्नों में हों न हों,
ये इश्क़ है, कभी सही तो कभी गलत हिं रहेगा।।©weekendpoetry
Always a pleasure!
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😇 Thanks to you too! 🌸
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Hi. Thanks for the visit ✨
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